सीकर में दिनदहाड़े लूट: बाजरे के खेत से हवालात तक, एक अपराधी की कहानी

सीकर में ज्वैलर से हुई लूट का पर्दाफाश! जानिए कैसे पुलिस ने एक आरोपी को बाजरे के खेत में दबोचा और इस सनसनीखेज वारदात की परतें खोलीं।

 सीकर में दिनदहाड़े लूट: बाजरे के खेत से हवालात तक, एक अपराधी की कहानी

सीकर में दिनदहाड़े लूट: बाजरे के खेत से हवालात तक, एक अपराधी की कहानी 🎨

 

सीकर, राजस्थान। स्वर्ण नगरी में एक दिनदहाड़े हुई लूट ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। मामला था खंडेला के समर्थपुरा गांव का, जहां रामजीलाल सोनी नामक एक ज्वैलर अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहे थे। शाम के धुंधलके में, कांवट-खंडेला रोड पर घात लगाए बैठे कुछ बदमाशों ने उनकी बाइक को रोका और लाठी-सरियों से हमला कर उनसे लाखों के सोने-चांदी के जेवरात और नकदी लूट ली। यह घटना न केवल रामजीलाल के लिए एक गहरा आघात थी, बल्कि सीकर जिले में कानून व्यवस्था पर भी एक बड़ा सवालिया निशान था।

 

लूट की वारदात और पुलिस की तत्परता

 

24 मार्च, 2025 की उस शाम को रामजीलाल सोनी शायद ही जानते होंगे कि उनकी जिंदगी बदलने वाली है। 🎨 "मैं तो बस दुकान बंद करके घर जा रहा था, तभी अचानक कुछ लोग आए और मुझ पर हमला कर दिया," रामजीलाल ने बाद में पुलिस को बताया। बदमाशों ने उनकी बाइक को रोका, मारपीट की और बैग छीनकर फरार हो गए। बैग में 58.6 ग्राम सोना, 250 ग्राम चांदी के जेवरात और 1600 रुपए नकद थे।

घटना की जानकारी मिलते ही खंडेला पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और मुखबिरों को सक्रिय कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक (SP) ने स्वयं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन किया, जिसका उद्देश्य जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करना था।

 

तीन आरोपियों की गिरफ्तारी

 

पुलिस की मेहनत रंग लाई और जल्द ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रदीप कुमार (20), मूलचंद (24) और मुकेश कुमार (23) नामक ये तीनों आरोपी सीकर जिले के ही रहने वाले थे। पूछताछ में उन्होंने लूट की वारदात में शामिल होने की बात स्वीकार की। पुलिस ने उनसे कुछ लूटा हुआ सामान भी बरामद किया।

लेकिन, कहानी यहीं खत्म नहीं होती। पुलिस को पता चला कि इस वारदात में एक और शख्स शामिल है, जिसकी तलाश जारी थी। यह शख्स था बहादुर सिंह, जिस पर पुलिस ने 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था।

 

बाजरे के खेत में गिरफ्तारी: एक नाटकीय मोड़

 

बहादुर सिंह की गिरफ्तारी एक नाटकीय घटनाक्रम से कम नहीं थी। पुलिस को सूचना मिली कि वह शाहपुरा इलाके में मजदूरी कर रहा है। पुलिस ने तुरंत शाहपुरा में दबिश दी और एक खेत में बाजरे की फसल काटते हुए बहादुर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

🎨 "हमें सूचना मिली थी कि बहादुर सिंह शाहपुरा में छिपा हुआ है। हमने तुरंत एक टीम गठित की और उसे गिरफ्तार करने के लिए रवाना हो गए," पुलिस अधिकारी ने बताया। बहादुर सिंह को गिरफ्तार करना आसान नहीं था। वह पुलिस को देखकर भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे घेर कर पकड़ लिया।

गिरफ्तारी के बाद बहादुर सिंह को खंडेला थाने लाया गया, जहां उससे गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि बहादुर सिंह से पूछताछ में लूट के बाकी सामान की बरामदगी हो सकेगी और इस वारदात में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।

 

मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश

 

पुलिस अब इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या बहादुर सिंह और उसके साथियों ने पहले भी कोई वारदात की है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लूटा हुआ सोना-चांदी कहां बेचा गया और इस लूट में कौन-कौन लोग शामिल थे।

🎨 "हम इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस वारदात में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें सजा मिले," पुलिस अधीक्षक ने कहा।

 

समाज पर असर और सबक

 

यह घटना समाज में अपराध और कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक गंभीर सवाल उठाती है। यह दिखाती है कि कैसे कुछ लोग लालच और जल्दबाजी में गलत रास्ते पर चले जाते हैं और अपने जीवन को बर्बाद कर लेते हैं। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अपने आसपास के लोगों पर नजर रखनी चाहिए।

पुलिस की तत्परता और सफलता इस बात का प्रमाण है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हमेशा तत्पर है। यह घटना उन अपराधियों के लिए भी एक चेतावनी है जो सोचते हैं कि वे कानून से बच सकते हैं।

 

आगे की राह

 

सीकर पुलिस ने इस लूटकांड का पर्दाफाश कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। लेकिन, अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस वारदात में शामिल सभी आरोपियों को सजा मिले और लूटा हुआ सारा सामान बरामद हो।

यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि अपराध को रोकने के लिए समाज और पुलिस को मिलकर काम करना होगा। हमें अपने बच्चों को सही रास्ते पर चलने की शिक्षा देनी होगी और उन्हें अपराध से दूर रहने के लिए प्रेरित करना होगा।

अंत में: "जुर्म चाहे जितना भी गहरा हो, कानून के हाथ हमेशा लंबे होते हैं।"
 

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