गिरिराज प्रसाद तिवारी: एक युग का अंत, बयाना में शोक की लहर 😔
राजस्थान के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का 105 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एक प्रेरणादायक जीवन, जिसने कई दिलों को छुआ। बयाना में अंतिम संस्कार।

गिरिराज प्रसाद तिवारी: एक युग का अंत, बयाना में शोक की लहर 😔
राजस्थान की माटी ने आज अपना एक अनमोल रत्न खो दिया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, भरतपुर के वरिष्ठ नेता, और एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व - गिरिराज प्रसाद तिवारी जी, 105 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनके निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। एक ऐसा जीवन जो सादगी, समर्पण और जनसेवा की मिसाल था, आज इतिहास के पन्नों में अमर हो गया।
एक प्रेरणादायक जीवन यात्रा 🌟
गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का जीवन एक खुली किताब की तरह था, जिसके हर पन्ने पर प्रेरणा और मार्गदर्शन के सूत्र लिखे हुए थे। 1920 में जन्मे, उन्होंने वकालत से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उनका दिल हमेशा लोगों की सेवा में रमा रहा। वकालत के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के बाद, उन्होंने सार्वजनिक जीवन में कदम रखा और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
🎨 "सादगी और समर्पण उनके जीवन के दो स्तंभ थे।"
वकालत से राजनीति तक: एक सफर 🛤️
गिरिराज जी का वकालत से राजनीति में आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया थी। उन्होंने महसूस किया कि लोगों की समस्याओं को हल करने और समाज को बेहतर बनाने के लिए राजनीति एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने स्थानीय स्तर पर प्रधान और जिला प्रमुख के रूप में काम किया, और जनता की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।
- उन्होंने दो बार विधायक के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।
- विधानसभा में जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाया।
- हमेशा कमजोर और वंचित लोगों की आवाज बने।
विधानसभा अध्यक्ष: गरिमा और निष्पक्षता की मिसाल 🏛️
गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का सबसे महत्वपूर्ण कार्यकाल 1985 से 1990 तक रहा, जब उन्होंने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया। इस दौरान, उन्होंने अपनी निष्पक्षता, संयम और नेतृत्व कौशल से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने सदन की गरिमा और परंपराओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
🎨 "सदन की गरिमा उनके लिए सर्वोपरि थी।"
बयाना में अंतिम संस्कार: शोक में डूबा गाँव 😢
आज, गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिड्यारी, बयाना में किया जाएगा। परिवार, समर्थक और स्थानीय लोग उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए एकत्रित होंगे। राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति होंगे शामिल 🙏
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी गिरिराज प्रसाद तिवारी जी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। स्थानीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह दिखाता है कि गिरिराज जी का कद कितना ऊंचा था और समाज में उनका कितना सम्मान था।
शोक संवेदनाएं: हर दिल में बसी उनकी यादें 💔
गिरिराज प्रसाद तिवारी जी के निधन पर पूरे राज्य में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। अशोक गहलोत ने एक्स पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का निधन अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा कि उनका संयमित और प्रेरणादायक जीवन सभी के लिए उदाहरण था। इतनी उम्र में भी उनकी जिंदादिली और तेज स्मरणशक्ति लोगों को प्रभावित करती थी।
एक युग का अंत: विरासत जो हमेशा रहेगी ⏳
गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का निधन एक युग का अंत है। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी किया, वह हमेशा लोगों को प्रेरित करता रहेगा। उनकी सादगी, समर्पण, और जनसेवा की भावना हमेशा याद रखी जाएगी।
उनकी विरासत: प्रेरणा और मार्गदर्शन 🌟
गिरिराज जी ने हमें सिखाया कि जीवन में सादगी और ईमानदारी से कैसे जीना है। उन्होंने हमें यह भी सिखाया कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए। उनकी विरासत हमेशा हमारे साथ रहेगी और हमें सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
- सादगी: उन्होंने हमेशा सादा जीवन जिया और कभी भी दिखावे में विश्वास नहीं किया।
- समर्पण: उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया।
- जनसेवा: उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचितों की मदद की।
🎨 "वे एक सच्चे जनसेवक थे।"
अंतिम विदाई: नम आँखों से श्रद्धांजलि 💐
आज, जब हम गिरिराज प्रसाद तिवारी जी को अंतिम विदाई दे रहे हैं, तो हमारी आंखें नम हैं, लेकिन हमारे दिल में उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी। वे हमेशा हमारे प्रेरणा स्रोत रहेंगे और हमें सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
_"जाते जाते भी, वे हमें जीना सिखा गए।"_