Sikar Pariksha: Umeedon Ki Dor, Niyamon Ki Bedi - Chaprasi Bharti Mein Jeevan Sangharsh
सीकर में ग्रेड 4 की भर्ती परीक्षा: सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद और नियमों की सख्ती। युवाओं के संघर्ष, उम्मीदें और परीक्षा केंद्रों पर भावनाओं का ज्वार।
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सीकर परीक्षा: उम्मीदों की डोर, नियमों की बेड़ी - चपरासी भर्ती में जीवन संघर्ष
सीकर, राजस्थान। आज सीकर शहर में एक अलग ही तरह का मंजर देखने को मिला। एक तरफ ग्रेड 4 (चपरासी) भर्ती परीक्षा में भाग लेने वाले युवाओं के सपनों की उड़ान थी, तो दूसरी तरफ नियमों की सख्त बेड़ियां। सरकारी स्कूलों में बने 18 परीक्षा केंद्रों पर हजारों उम्मीदवार, आंखों में भविष्य की उम्मीदें लिए, इस अग्निपरीक्षा में शामिल होने पहुंचे थे। यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं थी, बल्कि उनके जीवन की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण मोड़ था। 🎨
परीक्षा का माहौल: उम्मीद और तनाव का मिश्रण
19 सितंबर से 21 सितंबर तक चलने वाली इस परीक्षा में 30,096 उम्मीदवार भाग ले रहे हैं। हर पारी में लगभग 5016 उम्मीदवार शामिल हो रहे हैं। परीक्षा केंद्रों पर नकल और फर्जी उम्मीदवारों को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे, वीडियोग्राफी और उड़नदस्तों की कड़ी निगरानी रखी गई थी। सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त थी कि परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले ही प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए थे। उम्मीदवारों को आधार कार्ड और प्रवेश पत्र के मिलान के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा था, जिसके बाद फेस वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक से चेहरे का मिलान किया गया।
नियमों की सख्ती: भावनाओं पर भारी
परीक्षा केंद्रों पर महिला अभ्यर्थियों को पायल उतारने के लिए कहा गया, साथ ही गले में पहने धागे भी उतरवाए गए। यह दृश्य थोड़ा विचलित करने वाला था। एक तरफ जहां ये युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए आए थे, वहीं दूसरी तरफ उन्हें नियमों की इस सख्ती का सामना करना पड़ रहा था। यह एक ऐसा पल था, जहां भावनाएं और नियम आमने-सामने थे।
🎨 "यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं है, यह हमारे भविष्य का सवाल है," एक महिला अभ्यर्थी ने नम आंखों से कहा।
दौड़ती भागती उम्मीदें: समय की कमी
कई उम्मीदवार परीक्षा शुरू होने के समय तक दौड़कर परीक्षा केंद्र पहुंचते देखे गए। ट्रैफिक जाम और अन्य कारणों से उन्हें देरी हो गई थी। उनके चेहरे पर तनाव और चिंता साफ झलक रही थी। वे हर हाल में परीक्षा में शामिल होना चाहते थे, क्योंकि उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर था।
परीक्षा से जुड़ी अहम बातें
- जाम से निपटने के लिए पुलिस की तैयारी: सीकर में रोजाना 10,032 उम्मीदवारों और उनके परिजनों सहित लगभग 25,000 लोग आ रहे थे। ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पुलिस अफसर फील्ड में तैनात थे। स्टेशन, पिपराली, जयपुर, नवलगढ़ और फतेहपुर रोड पर अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस तैनात की गई थी। उम्मीदवारों की सुविधा के लिए बसों में मुफ्त यात्रा की व्यवस्था की गई थी।
- परीक्षा केंद्रों पर उमड़ी भीड़, समय पर बंद हुए गेट: सीकर के एसके स्कूल एग्जाम सेंटर पर सुबह 8 बजे से पहले ही उम्मीदवारों की लंबी लाइन लग गई थी। वहीं, मारू स्कूल, एसके गर्ल्स कॉलेज के बाहर भी महिला उम्मीदवारों की भारी भीड़ दिखी। 9 बजते ही सभी एग्जाम सेंटरों के गेट बंद कर दिए गए। एसके स्कूल एग्जाम सेंटर पर गेट बंद होने से 1 मिनट पहले कई महिला उम्मीदवार दौड़कर एग्जाम सेंटर पर पहुंचती नजर आईं।
- डमी कैंडिडेट्स पर कड़ी निगरानी: परीक्षा केंद्रों पर हर उम्मीदवार के दस्तावेजों की गहन जांच हो रही थी। डमी कैंडिडेट्स को रोकने के लिए विशेष निगरानी रखी जा रही थी। संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल जांच हो रही थी। प्रश्न पत्र साथ ले जाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी दी जाएगी।
तस्वीरों में कैद परीक्षा का दिन
एसके स्कूल एग्जाम सेंटर पर पैरों से अंगूठी और पायल उतारती हुई एक महिला उम्मीदवार की तस्वीर यह बताती है कि नियमों का पालन किस हद तक किया जा रहा था। एग्जाम सेंटर पर वीडियोग्राफी करती हुई महिला कर्मचारी हर गतिविधि पर नजर रख रही थी। एसके स्कूल एग्जाम सेंटर पर युवती के हाथ पर बांधा धागा काटता हुआ सुरक्षाकर्मी यह दिखाता है कि किसी भी तरह की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं थी। बालों से हेयर क्लिप निकालती हुई युवती यह दर्शाती है कि परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा था।
भावनाओं का ज्वार
यह परीक्षा कई मायनों में खास थी। यह उन युवाओं के लिए एक अवसर थी, जो सरकारी नौकरी पाना चाहते थे। यह उन परिवारों के लिए एक उम्मीद थी, जो अपने बच्चों को सफल देखना चाहते थे। यह उन गांवों और कस्बों के लिए एक प्रेरणा थी, जहां से ये उम्मीदवार आए थे।
उम्मीद की किरण
इस परीक्षा में भाग लेने वाले हर उम्मीदवार की अपनी कहानी थी। किसी के पिता किसान थे, तो किसी की मां गृहिणी। किसी ने गरीबी में जीवन बिताया था, तो किसी ने अभावों में पढ़ाई की थी। लेकिन उन सभी में एक चीज समान थी - अपने सपनों को पूरा करने की प्रबल इच्छा।
🎨 "हम हार नहीं मानेंगे। हम अपने सपनों को साकार करके रहेंगे," एक युवा उम्मीदवार ने आत्मविश्वास से कहा।
निष्कर्ष: संघर्ष जारी है
सीकर में ग्रेड 4 भर्ती परीक्षा एक महत्वपूर्ण घटना थी। इसने हमें यह दिखाया कि हमारे युवाओं में कितनी प्रतिभा और क्षमता है। इसने हमें यह भी दिखाया कि उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए कितने संघर्ष करने पड़ते हैं। यह परीक्षा खत्म हो गई है, लेकिन इन युवाओं का संघर्ष अभी जारी है। उन्हें अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना है, लेकिन हमें विश्वास है कि वे अपनी मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पार कर लेंगे।
"सपने वो नहीं जो आप सोते हुए देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते।"