महागठबंधन में 'VIP' विघ्न: क्या मुकेश सहनी की महत्वाकांक्षाएं बिगाड़ेंगी बिहार का सियासी खेल?

बिहार महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर घमासान! क्या मुकेश सहनी की ज़िद से बिगड़ेगा खेल? कांग्रेस के हस्तक्षेप के बाद भी अनिश्चितता बरकरार। जानिए अंदर की कहानी!

 महागठबंधन में 'VIP' विघ्न: क्या मुकेश सहनी की महत्वाकांक्षाएं बिगाड़ेंगी बिहार का सियासी खेल?

महागठबंधन में 'VIP' विघ्न: क्या मुकेश सहनी की महत्वाकांक्षाएं बिगाड़ेंगी बिहार का सियासी खेल? 🎭

बिहार की राजनीति में एक बार फिर गहमागहमी है। 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। मुकेश सहनी, जो अपनी पार्टी VIP (Vikassheel Insaan Party) के मुखिया हैं, गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। उनकी महत्वाकांक्षाएं और सीटों को लेकर ज़िद, महागठबंधन के समीकरणों को बिगाड़ने की कगार पर है।

सहनी का सियासी दांव: दबाव या मजबूरी? 🤔

मुकेश सहनी, जिन्हें 'मल्लाहों का बेटा' भी कहा जाता है, बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं। निषाद समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है, जो राज्य की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एनडीए (NDA) का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए सहनी ने पहले 60 सीटों की मांग की थी, जिसे बाद में घटाकर 40 और फिर 20 कर दिया। अब वो 15 सीटों पर समझौता करने को तैयार हैं, लेकिन तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) उन्हें 12 से ज़्यादा सीटें देने को राजी नहीं है।

🎨 "राजनीति में कुछ भी तय नहीं होता, कब कौन सा रंग बदले, कहना मुश्किल है।" 🎨

सहनी की मुश्किल सिर्फ सीटों की संख्या तक सीमित नहीं है। वो कुछ खास निर्वाचन क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं, जिनमें अमौर, बथनाहा, गौरा बौराम, आलीनगर, राजौली, भभुआ, केसरिया, झंझारपुर, गोपालपुर, सकरा, नौतन, हरनौत, औराई, नालंदा और चतरापुर शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद के लिए भी अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे गठबंधन में और भी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।

कांग्रेस का हस्तक्षेप: क्या सुलझ पाएगी गुत्थी? 🤝

तेजस्वी यादव से निराशा मिलने के बाद, सहनी ने कांग्रेस और वाम दलों से समर्थन मांगा है। उन्होंने दबाव बनाने की रणनीति के तहत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को तीन बार पुनर्निर्धारित किया और फिर रद्द कर दिया। इस बीच, कांग्रेस के हस्तक्षेप से एक बार उम्मीद की किरण जगी। राहुल गांधी ने लालू प्रसाद यादव से इस मुद्दे पर बात की और सहनी से भी चर्चा की।

हालांकि, इस बातचीत के बाद भी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। सहनी ने राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर कहा कि वो इंडिया ब्लॉक (INDIA bloc) की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और उनके लिए सीटें महत्वपूर्ण नहीं हैं। लेकिन उन्होंने यह भी ज़िक्र किया कि VIP को कुछ सीटें देने का आश्वासन दिया गया था, जो पूरा नहीं हुआ।

महागठबंधन का भविष्य: क्या एकजुट रह पाएगा कुनबा? 💔

बिहार में चुनावी माहौल गरमा रहा है, लेकिन महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। मुकेश सहनी की महत्वाकांक्षाएं और उनकी पार्टी VIP की भूमिका, गठबंधन के भविष्य पर सवालिया निशान लगा रही है।

  • क्या तेजस्वी यादव और RJD सहनी की मांगों को मानेंगे?

  • क्या कांग्रेस इस विवाद को सुलझाने में सफल होगी?

  • क्या महागठबंधन एकजुट होकर बीजेपी (BJP) और एनडीए का मुकाबला कर पाएगा?

ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। लेकिन एक बात तय है कि बिहार की राजनीति में कुछ भी हो सकता है, और हर पल एक नया मोड़ आने की संभावना बनी रहती है।

निषाद समुदाय: क्या सहनी बनेंगे मसीहा? 🚩

मुकेश सहनी खुद को निषाद समुदाय का नेता बताते हैं। यह समुदाय, जिसमें नाविक और मछुआरे शामिल हैं, राज्य की आबादी का लगभग 2.5% है। सहनी इस समुदाय के हितों की रक्षा करने का दावा करते हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस समुदाय का समर्थन उन्हें चुनावों में सफलता दिलाएगा। लेकिन क्या सहनी वास्तव में निषाद समुदाय के मसीहा बन पाएंगे, यह देखना बाकी है।

🎨 "सियासत संभावनाओं का खेल है, और यहां हर खिलाड़ी अपनी चाल चलने के लिए स्वतंत्र है।" 🎨

चुनावी रणभूमि: कौन मारेगा बाजी? 🏹

बिहार में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी हैं। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है, वहीं बीजेपी और एनडीए अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। अब देखना यह है कि इस चुनावी रणभूमि में कौन बाजी मारता है और बिहार की सत्ता पर कौन काबिज होता है।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार की राजनीति एक रोमांचक मोड़ पर है। मुकेश सहनी की भूमिका और महागठबंधन का भविष्य, दोनों ही अनिश्चित हैं। लेकिन एक बात तय है कि यह चुनाव बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेगा।

🎨 "बिहार की राजनीति में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। यहां हर पल एक नया खेल शुरू होता है।" 🎨

अंत में: "सियासत है, साहब! यहां रिश्ते भी बदलते हैं और रास्ते भी!"

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